Miss you
1...*ऐ-जिंदगी तू खेलती बहुत है खुशियों से,*
*हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोडेंगे !!*
2...मेरी शायरी की छांव में आकर बैठ जाते हैं,
साहब,
वो लोग जो मोहब्बत की धूप में जले होते हैं
3..*ज़माना खड़ा है हाथों में पत्थर लेकर,*
*कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।*
4... मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं है
दिक्कत तो आज भी इंशान ढूंढने में आती है
5..*कुछ बेतुके झगड़े, कुछ इस तरह खत्म कर दिए मैंने*
*जहाँ गलती नही भी थी मेरी, फिर भी हाथ जोड़ दिए मैंने*
6..न ढूँढ जिंदगी जीने की तरकीबें
ये कमबख्त भी ओरो की तरह तजुर्बा मांगती है
7...सब कुछ छोड़ देना पर मुस्कुराना
और उम्मीद कभी ना छोड़ना
8...कुछ तो धड़कता है रुक रुक कर मेरे सीने में,
अब ख़ुदा ही जाने वो तेरी याद है या मेरा दिल...
9..*मेरी नाराज़गी का कोई वजूद नहीं है किसी के लिए,*
*मुझ जैसे लोग अक्सर यूँ ही भुला दिए जाते हैं कभी-कभी...*
10..मुझे बस तु चाहिए,
मेरी पोस्ट पर लाइक नहीं...
*हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोडेंगे !!*
2...मेरी शायरी की छांव में आकर बैठ जाते हैं,
साहब,
वो लोग जो मोहब्बत की धूप में जले होते हैं
3..*ज़माना खड़ा है हाथों में पत्थर लेकर,*
*कहाँ तक भागूं शीशे का मुक़द्दर लेकर।*
4... मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं है
दिक्कत तो आज भी इंशान ढूंढने में आती है
5..*कुछ बेतुके झगड़े, कुछ इस तरह खत्म कर दिए मैंने*
*जहाँ गलती नही भी थी मेरी, फिर भी हाथ जोड़ दिए मैंने*
6..न ढूँढ जिंदगी जीने की तरकीबें
ये कमबख्त भी ओरो की तरह तजुर्बा मांगती है
7...सब कुछ छोड़ देना पर मुस्कुराना
और उम्मीद कभी ना छोड़ना
8...कुछ तो धड़कता है रुक रुक कर मेरे सीने में,
अब ख़ुदा ही जाने वो तेरी याद है या मेरा दिल...
9..*मेरी नाराज़गी का कोई वजूद नहीं है किसी के लिए,*
*मुझ जैसे लोग अक्सर यूँ ही भुला दिए जाते हैं कभी-कभी...*
10..मुझे बस तु चाहिए,
मेरी पोस्ट पर लाइक नहीं...
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