Sad shayri
1..बिन तेरे यूँ तो हम अधूरे नहीं है...
पर जाने फ़िर भी क्यूँ हम पूरे नहीं है...
2..*बहुत ही ऊंचा कलाकार हूँ मैं, जिंदगी के रंगमंच का..साहब..
*मजाल है...देखने वालों को मेरा दर्द दिख जाए..!!
3.. यू चेहरे पर उदासी ना ओढिये सहाब,,,,,
वक्त जरूर थोड़ा तक्लीफ का है लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही
4...सज़दे कीजिये,,,, या माँगिये दुआयें.......!!
जो आपका है ही नही,,,,, वो आपका होगा भी नही.......!!
5....हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे,
बस हमें समझना हर किसी की बस की बात नही....!!
6..."तासीर इतनी ही काफी है
की तू मेरा दोस्त है..!
क्या ख़ास है तुझमे
ऐसा कभी सोचा ही नही".!
7...*दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से ,*
*इंसान का बेहतरीन होना ही गुनाह है...!!*
8...दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं,,,??
प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं,,,??
9...कोशिश बहुत की, आपके बिन खुश रहने की,,,,
पर हिम्मत ना हुई, खुद को धोखे मे रखने की,,,,
10..कोई और अब दिल मे नही आएगा
खत्म कर दी मोहब्बत तुम पर !!
पर जाने फ़िर भी क्यूँ हम पूरे नहीं है...
2..*बहुत ही ऊंचा कलाकार हूँ मैं, जिंदगी के रंगमंच का..साहब..
*मजाल है...देखने वालों को मेरा दर्द दिख जाए..!!
3.. यू चेहरे पर उदासी ना ओढिये सहाब,,,,,
वक्त जरूर थोड़ा तक्लीफ का है लेकिन कटेगा मुस्कुराने से ही
4...सज़दे कीजिये,,,, या माँगिये दुआयें.......!!
जो आपका है ही नही,,,,, वो आपका होगा भी नही.......!!
5....हम मतलबी नहीं की चाहने वालो को धोखा दे,
बस हमें समझना हर किसी की बस की बात नही....!!
6..."तासीर इतनी ही काफी है
की तू मेरा दोस्त है..!
क्या ख़ास है तुझमे
ऐसा कभी सोचा ही नही".!
7...*दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से ,*
*इंसान का बेहतरीन होना ही गुनाह है...!!*
8...दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं,,,??
प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं,,,??
9...कोशिश बहुत की, आपके बिन खुश रहने की,,,,
पर हिम्मत ना हुई, खुद को धोखे मे रखने की,,,,
10..कोई और अब दिल मे नही आएगा
खत्म कर दी मोहब्बत तुम पर !!
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